तुलसी कॉमिक्स 1980 के दशक के अंत, 1990 के दशक और 2000 के दशक के प्रारंभ में एक भारतीय कॉमिक्स प्रकाशक था, और तुलसी पॉकेट बुक्स का एक प्रभाग था - जिसकी स्थापना भारतीय लेखक और साहित्यकार वेद प्रकाश शर्मा ने की थी।
अपने तुलसी पाॅकेट बुक्स के गुजरे दिनों में, यह भारत में हिंदी उपन्यास की लोकप्रिय प्रकाशन कंपनी हुआ करती थी और जिसने व्यापक स्तर पर अपने उपन्यास पाठकों का वर्ग तैयार कर लिया था, हालाँकि तुलसी काॅमिक्स अपने निम्न दर्जे की कहानियों के कारणों से कभी उच्च स्तर की सफलता हासिल ना कर सका, जैसा अन्य कंपनी जैसे डायमंड काॅमिक्स, राज काॅमिक्स एवं मनोज काॅमिक्स ने अपने मानकों को स्थापित कराया और इस वजह से सन् 2004 तक कंपनी बंद हुई।
वहीं तुलसी काॅमिक्स की असफलता का दूसरा कारण अपनी ही निर्मित कहानियों को 2-3 भागों में प्रस्तुत करना रहा है, और अधिकांश एकल अंक की कहानियाँ भी वे पूरी नहीं करते। वहीं उन दिनों के पाठकों में, जिनमें अधिकतर बाल वर्ग के थे उनकी जेबखर्ची भी बेहद सीमित होती थी, और लगभग इसी के उलट असर से, पाठक वर्गों के बीच अपनी लोकप्रियता खोने लगी थी। हालाँकि अब तक की सबसे लंबी कहानियों के तौर पर जम्बू श्रंखला की काॅमिक्सें काफी वर्षों तक चली थी।
हालाँकि इस पूरी सिरिज में तुलसी की सृजनात्मकता देखने को मिली करती थी, इस सिरिज ने एक लंबी पारी भी खेली, जहाँ हमें कई नए किरदारों से परिचय कराया गया जैसे योशो (तब पूर्व में उन्हें ओशो की भांति प्रस्तुत किया जाता था), योगा, बाज़ और मि. इंडिया को उनकी मृत्यु तक दिखाया गया। नए किरदार कहने को बहुत रूचिकर नहीं बनाए गए थे और पुराने किरदारों पर लगभग विभिन्न भागों की कहानियाँ जारी रही। तुलसी काॅमिक्स के किरदारों में जम्बू बहुत सफल रहा था, कमोबेश उनके रचियता वेद प्रकाश शर्मा ने, अंगारा तथा तौसी की भी रचना की।
तुलसी काॅमिक्स मासिक तौर पर अपनी काॅमिक्स प्रकाशित करती थी। हर माह ६ से १० तक गिनती की काॅमिक्से पहले प्रकाशित हुआ करती थी (कभी कभार १ या २ डाइजेस्ट जैसे विशेषांक भी प्रकाशित हुआ करती थी।) तब अंगारा, तौसी तथा जम्बू उस दौरान प्रकाशन के तीन प्रमुख नायक हुआ करते थे। उनमें से कई काॅमिक्स काफी लोकप्रिय भी रही जैसे जम्बू और अंगारा का युद्ध, जम्बू और तौसी, मर गया जम्बू, एवं जम्बू के बेटे।
चरित्र Character Of Tulsi Comics
- अंगारा – एक विलक्षण बुद्धिजीवी जिसमें गुरिल्ला, लोमड़ी, हाथी, गैंडा, गिद्ध और शेर के विशेषांग से प्रत्यारोपित कर बनाया गया हैं, जो मानव की तरह दिखता है।
- तौसी – एक इच्छाधारी सर्पमानव। जिसे नागलोक का राजा बताया जाता (नागों की वह दुनिया जहाँ वे मानव रूप में निवास करते), जोकि धरती के गर्भ यानी पाताल लोक में स्थित है। वह समय समय पर धरती पर भी अवतरित करने भी आता है।
- जम्बू – एक बेहद बुद्धिमान रोबोट, जिसके रचियता वैज्ञानिक डाॅ. भावा ने स्वयं का ही मस्तिष्क उसमें प्रत्यारोपित कराया। तुलसी काॅमिक्स का एक बहुत ही लोकप्रिय काॅमिक्स पात्र।
- योशो – एक बेहद उग्र महानायक, जो अपने पिता की खोज में धरती पर आता है।
- योगा – एक सामान्य मानव जो अपनी योगिक शक्तियों के बल पर महानायक बनता है।
- बाज़ – एक सामान्य मनुष्य जो संयोगवश प्रेतों के राजकुमार भांति दिखने कारण, उसे राजकुमार की पोशाक दी जाती है, जिसकी अलौकिक शक्तियों का उपयोग वह अपराध के विरुद्ध करता है।
- मि. इंडिया – एक उपनायक जिसे 5 वैज्ञानिकों के सम्मिलित प्रयासों से एक महाशक्तियाँ प्रदान होती है।
- शालू-कालू – एक मजेदार लड़के-लड़की की जोड़ी। तुलसी काॅमिक्स की पहली सिरिज जिसमें व्यंग्यता देखने को मिली।
- डिटेक्टिव भारत – एक डिटेक्टिव/गुप्तचर जो अपने मित्र जादूगर गोगलापाशा की सहायता से आपराधिक मामलों को सुलझाता है। अपनी पहली काॅमिक्स में वह जादूगर गोगलापाशा की मदद कर अपना दोस्त बना लेता है।[5]
- महाबली आकाश/मेजर राजेश – एक नकाबधारी क्राइमफाइटर।
अन्य प्रकाशित नियमित किरदार - तुलसी काॅमिक्स द्वारा कई राजा-रानियों, राजकुमारों-राजकुमारियों, राक्षसों-दानवों-भूत प्रेतों तथा नैतिक मूल्यों को लेकल भी कहानियाँ प्रकाशित की हैं। वहीं उन्होंने काॅमिक्स शैली में कई हिंदी बाॅलीवुड फ़िल्मों की कहानियों पर आधारित प्रकाशन भी किया। मूल किरदारों की कमी के चलते, तथा आधे से भी कम काॅमिक्सों के प्रकाशन से अपना विस्तार देने में असफल रही।
अंगारा Angara
अंगारा, पशुओं के विशेषांगों की मदद से बना मानव समान एक शख्स, जिसकी रचना डाॅ. कुणाल के द्वारा हुई। अंगारा की त्वचा पर गैंडे की खाल लगाकर बुलैटप्रुफ जैसी मजबूती दी गई है, तथा उसपर लोमड़ी का मस्तिष्क प्रत्यारोपित कर असाधारण तौर पर बुद्धिमान बनाया गया है, आँखें गिद्ध की लगाई गई है, वहीं उसे हाथी की सी ताकत दी गई है, तो दिल शेर का, और बाकी का शरीर मूलरूप से गोरिल्ला का होता है जिसे मानवीय काया में तब्दील किया गया। अपने अनुभवी सैन्य विशेषज्ञ मित्र से उसे विशेष कमांडो प्रशिक्षण दिलाया गया है तथा वह कई विभिन्न प्रजातियों के जानवरों की भाषाएँ भी जानता है। इन सभी खुबियों के साथ डाॅ. कुणाल उसे एक महानायक जैसी ताकत देने में मदद करते हैं।
उनका जन्म ही जीवों की रक्षा करने के लिए होता है और आगे उन्हें सभी जंगल-जीवन की सुरक्षा प्रहरी के तौर पर जाना जाने लगा। अंगारा लैण्ड (या अंगारा द्वीप) पर वे बतौर प्रधानमंत्री के रूप में जाने जाते। जब अंगारा की धरती पर अमेरिकी फौज जबरन कब्जा जमाते हैं, तो वे सारे जीवों का सफाया कर डालते हैं। अमेरिकी उस अंगारा द्वीप पर अपना मुख्यालय बसाना चाहते है लेकिन महान पशु-प्रेमी तथा जीव-संरक्षक डाॅ. कुनाल उन अमेरिकियों को वहां ना बसने की वजह समझाते हैं। लेकिन अमेरिकी सैनिक अंगारा द्वीप के जीवों में मार काट मचाते हैं। डाॅ. कुणाल जोकि कुशल शल्य चिकित्सक भी हैं, उन ताकतवर अमेरिकी सैनिकों से टक्कर लेने के लिए ऐसे ही शक्तिशाली प्राणी की रचना करने का निश्चय करते हैं और इस तरह अंगारा का जन्म होता है।